अब तक काफ़ी अँधेरा हो चुका था।पार्क में सन्नाटा छा गया था।बूढ़े ने सुबह से अब तक मिले तीन रूपयों में स... अब तक काफ़ी अँधेरा हो चुका था।पार्क में सन्नाटा छा गया था।बूढ़े ने सुबह से अब तक म...
एक मार्मिक लघु-कथा, जिसमें बहुत कम शब्दों में समाज में आज भी हो रहे ज़ुल्म के बारे में बहुत कुछ, प्र... एक मार्मिक लघु-कथा, जिसमें बहुत कम शब्दों में समाज में आज भी हो रहे ज़ुल्म के बा...
दोनों स्कूल की छत पर जाने वाली सीढ़ियों के आखिरी सिरे पर अपनी नोटबुक के कुछ पन्ने फाड़, उन्हें किसी फू... दोनों स्कूल की छत पर जाने वाली सीढ़ियों के आखिरी सिरे पर अपनी नोटबुक के कुछ पन्ने...
जाओ पहले कमाओ और जब पैसे हो जाये तब लौटा देना। जाओ पहले कमाओ और जब पैसे हो जाये तब लौटा देना।